MAIN PARDESHI HOON MP3 SONG
LYRICS
मैं परदेसी हूं
हो मैं परदेसी हूं पहली बार आया हूं
दर्शन करने मैया के दरबार आया हूं ||
हो मैं परदेसी हूं पहली बार आया
हूं दर्शन करने मैया के दरबार आया हूं ||
ऐ लाल चुनरिया वाली बेटी ये तो बताओ
मान के भवन जाने का रास्ता
से है या उधार से
सुन रे भक्त परदेसी इतनी जल्दी है कैसी
अरे जरा घूम लो फिर लो रौनक देखो कटारा किस
जाओ तुम वाह जाओ पहले परची कटाओ
ध्यान मैया का धरो इक जयकारा लगाओ चले भक्तों की
टोली संग तुम मिल जाओ तम्हे रास्ता दिखा दूं मेरे पिछे चले आओ
ये है दर्शनी दयोधि दर्शन पहला है ये
करो यात्रा शुरू तो जय माता दी कहो
यहाँ तलाक तो लायी बेटी आगे भी ले जाओ ना
मैंपरदेसी हूं पहली बार आया हूं
दर्शन करने मैया के दरबार आया हूं
इतना शीतल जल ये कौन सा स्थान है बेटी
ये है बाद गंगा पानी अमृत समान होता
तन मन पवन करो यहाँ स्नान
माथा मंदिर में टेको करो आगे प्रस्थान
चरण पादुका वो जाने महिमा जहां
मैया जग कल्याणी माफ करना मेरी भूल
मैंने माथे से लगाये तेरी चरणों की धूल
यहाँ तलाक तो लायी बेटी आगे भी ले जाओ ना
मैंपरदेसी हूं पहली बार आया हूं
दर्शन करने मैया के दरबार आया हूं
ये हम कहां आ कहां हैं ये कौन सा स्थान है बेटी
ये है आदी कुमारी महिमा है इसकी भारी
गर्भजून बकूपा है कथा है जिसकी न्यारी
भैरो चंडी इक जोगी मास मदीरा हरि
लेने मान की परीक्षा बात उसे विचारी
मास और मधु मांगे मती उसकी थी मारी
हुई अंतरध्यान माता आया पिछे दुराचारी
नौ महिने इसिमे रही मैया अवतारी इसे
गुहा गर्भजून जाने दुनिया ये सारे
और गुफा से निकलाकर माता वैष्णो रानी
ऊपर पवन गुफा में पिंडी रूप में प्रकाश हुई
धन्य धन्य मेरी माता धन्य तेरी शक्ति मिलाती
पापों से मुक्ति कराके तेरी भक्ति
यहाँ तलाक तो लायी बेटी आगे भी ले जाओ ना
ओह मेरी मैया इतानी कथां चढाई ये कौन सा स्थान है बेटी
देखो उंचा वो पहाड़ और गहरी ये ख
जरा चढाना संभल के हटे मथे की चढाई
तेधे मेधे रास्ते है पर डरना ना भाई
देखो सामने वो देखो संग छत की दिखा
परदेशी यहाँ कुछ खा लो पाई लो
बस थोड़ी यात्रा और बाकी है
ऐसा लगता है मुझे मुश्किल आ गया
माता वैष्णो का निकत ही धाम आ गया
यहाँ तलाक तो लायी बेटी आगे भी ले जाओ ना
वाह क्या सुंदर नज़र आखिर हमी
मान के भवन पांचुं ही गए ना
ये पवन गुफा किधर है बेटी
देखो सामने गुफा है मैया रानी का
दुआरा माता वैष्णो ने यहां रूप पिंडियों का धारा
चलो गंगा में नहीं लो थाली पूजा की सजा लो
लेके लाल लाल चुनरी अपने सर पे बांधवा लो
जाके सिंदूरी गुफ़ा में मान के दर्शन पा लो
बिन मांगे ही यहां से मन इच्छा फल पा लो
गुहा से बहार आकार कंजाके बिठाकर उनाको
हलवा पूरी और दक्षिणा देकर आशीर्वाद पाते हैं
और लौटते समय बाबा भैरो नाथ के दर्शन
करने से यात्रा संपूर्ण मानि जाति है
आज तुमाने सरल पे उपहार कर दिया
दमन खुशी से आनंद से भर दिया
भेजे बुलावा भी अगले बरस भी परदेशी
को बुलाओ मान हर साल आओंगा जैसा इस बार आया हूं
मैंपरदेसी हूं पहली बार आया हूं
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