MAA KA DIL

गीत - माँ का दिल

गायक – सोनू निगम

एल्बम - माँ का दिल

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LYRICS

 इससे बढ़ के कोई शय भी, कोमल नहीं,

 मा के दिल जैसा, दुनिया में कोई दिल नहीं,

 मा का दिल, मा का दिल,

 मा का दिल, मा का दिल..

ये मेरे भक्तजनों थाम के दिल सुनों, 

मा के दिल की कहानी सुनाता हूं मैं,

 दर्द दर्द से घिर आसुओं से भारी, 

सच्ची ममता के दर्शन करता हूं मैं, 

सुखदेवी था नाम पर सुख न मिला, 

उसके सिंदूर को बिंदिया के नूर को,

हाय ज़ालिम मुक़द्दर ने छिन था लिया, 

एक नूर-नज़र प्यार लखते जिगर, 

उसकी ममता की छव में पलटा रहा, 

कभी पकड़ा मैं कभी वो संभलता रहा, 

मा को रहता था डर कोई लगे न नज़र,

 काला गाल पे टीका लगाती थी  वो,

 हो के बस प्यार के मिर्चो को वार के, 

जलते चूल्हे निस्दिन गिराते थी  वो, 

आंखों से करती वो ओझल नहीं,

मा के दिल जैसा, दुनिया में कोई दिल नहीं, 

मा का दिल, मा का दिल, मा का दिल, मा का दिल..

कपडे सी सी  के वो आंसू पी पी  के वो

 अपने बेटे पे खुशियां लूटते रहे, 

अबला की बेबसी कराके फाकाशी, 

भुखी खुद रह के उसे खिलाती  रहे, 

दिन गुजरते रहे रोहे लाचार तुम दुख से दो चार थे, 

साया दुखो का उसपे न पदने दिया, 

मन में था हौसला कल को हो के बड़ा, 

मेरे कदमो में खुशियां बीच दूंगा ये, 

अच्छे दिन आएंगे दूर गम जाएंगे, 

मेरे कांटो को देंगे को मैया के दार उसे करने शुकर, 

साथ बेटे के एक दिन जाउंगी मैं,

 घर में आ बहू परियां देखें हुबाहू, 

मांग मन्नत भावना से आओगी मैं, 

दूर मुझसे मेरे अब तो मंजिल नहीं, 

दूर मुझसे मेरे ना अब तक दुनिया में कोई दिल नहीं, 

मा का दिल, मा का दिल, मा का दिल, मा का दी....

दे के ममता दुलार चाव कर बेशुमार, 

रोज़ सपने ही सपने संजोते रहे, 

कभी मुझे चुमती हमें को ले झूमती, 

चाहे परेड में निशदिन ही रोटी रही, 

तारा आंखों का वो मा का प्यार के साथ जो, 

एक दिन का वो मा का प्यार के साथ जो, 

मा के बालदान की कोई कदर ना रही, 

बुरी संगत की दल-2 में वो खो गया, 

ईबो से घिरा गया है कदर गिर गया, 

गलियां तक था मा को सुनाने लगा, 

महनातो का जो धन एक चंदाल से वो बन गया। 

मैया रोटी रही आहे भारी रही, 

हाय सोचा था क्या और क्या हो गया, 

सपना टूटा है क्यों भाग गया नहीं, 

मा का दिल, मा का दिल, मा का दिल, मा का दिल..

वो दुरचारी बन हो गया बड़चलन, 

फांस गया गलत लड़की के प्रेम जाल में, 

जितना चिल्लाती मा उसे समझती मा, 

उतना ज्यादा वो डूब था जंजाल में, 

रोज लड़की से मिल गया, 

चाहता था बना दो में बिठा, 

घर अपने ले जाने को जी चाहता था,

 तेरे सर की कसम मेरे प्यारे सनम, 

तेरे बिन अब तो मुझसे जिया जाए ना,

 तुम को जो करूं तुझे जा वार दूं, 

पर जुदाई का विश् कह गर मुझसे वफ़ा, 

दिल आपको भी मा के मुझे ला के दे, 

जो इतना इतना करे मेरा वादा है ये, 

तो मैं जाऊंगी शान से घर में तेरे, 

बड़ा आसन है काम मुश्किल नहीं मा के दिल में ऐसा,

 मा का दिल, मा का दिल, मा का दिल, मा का दिल..

अंधा हो प्यार में झूठे ऐतबार में, 

हाय लेके छूरे अपने घर आ गया, 

मा को कुछ न पता होने वाला है क्या, 

बेटा होने को क्या है कहा आ गया, 

मा ने रोज की तरह खाना लाया मैंने सोचा, 

लाल समोजो मेरे सदके जाऊं तेरे, 

सच्ची ममता बालें तुम लेने लगे, 

बता शैतान था हुआ हैवान था, 

झूठे उल्फत मा की खुशी जल गई, 

जन्म जिसने दिया दूध, 

उसी जिसाका पियो बेटा जग जग जियो, 

तेरी हरकत से माता का मन खिल गया, 

मरते मरते यही मा ने आवाज दी, 

मेरी ममता का मुझे सील मिल गया, 

अपने कातिल को समझे जो कातिल नहीं 

मा के दिल में जैसा, का दिल, मा का दिल, मा का दिल, मा का दिल..

बेहद बेरहम कराके ऐसा करम, 

भाग लड़की के घर था चला जा रहा, 

जो था वादा किया वो निभा है दिया, 

आपने मक्कारी पर था वो इतरा रहा, 

चलते चलते तबे तबे उसे गया, 

और मानता हूं से फिसाल गया मा का वो दिल, 

इतना मा की दुआ का फल गिर गया, 

बोला माता का दिल मेरे लाल संभल, 

कोई तेरी वफा में खोट तो नहीं, 

तेरा हो रे भला मुझे सच बताता है तो कौन है मेरे दिल को उठा दिल को दिल से लगा,

 इस दिल में बड़ा प्यार तेरे झूठ, 

दिल हरदम मेरा देता दिल से दुआ, 

दिल ये कुर्बान सौ बार तेरे झूठ, 

मा रहम दिल है तुझे महसूस करता है। कोई दिल नहीं, 

मा का दिल, मा का दिल, मा का दिल, मा का दिल..

लेके थोड़ा सा बांध बीकल बेशरम, 

दिल मा का उठा के चला वो गया, 

खून वो पाशु दाल मा का लहू, 

करना रौशन वो चाहे वफा का दिया, 

प्रेमिका के वो घर फकर से पहुंचकर, 

मैंने बोला मैं इस जहान में कहीं कोई मुझे नहीं, 

मैंने कर लिया पास ये इम्तेहान, 

पागलपन देखाकर बोले वो चीखकर, 

हैं वही दरिंदे ये क्या कर दिया, 

धरातल फट जाएंगे प्रलय आ जाएंगे, 

अगर जानेंगे तब जाएंगे को दिल, 

मा बेतो को देगा जनम न कभी, 

रोना आता मुझे लाख लाना तुझे,

 मेरे घर से ओ जालीम निकल जा अभी,

 भी मेरे प्यार के अब तो काबिल नहीं मान के दिल जैसा, 

दुनिया में कोई नहीं का दिल, मा का दिल, मा का दिल..

उसके फटकार से लानतों की मार से, 

सर पिट के कलंकी वो रोने लगा, 

मैंने क्या कर दिया खून में मा का किया, 

अपने किए पे शर्मसार होने लगा, 

मा का दिल देखकर माथे को टेककर, 

मैंने मुझे जाने दिया कापी बड़ा सर झुके खड़ा, 

हो खातिर तो ये छोला मेरा साफ कर, 

अब मैं कहां कहूं छुपाऊ कहां, 

मैंने खुद को गुनाहों में गर्क कर लिया, 

वो भी निर्दोश मा तुझसा कोइ जीवन, 

मैने मैं सोच कर बालो को नोच कर,

 वो जमी पे था सर को पतकने लगा, 

लोग धिक्कारते पत्थर भी मारते, 

वो पागल हो डर डर भटकने लगा, 

सबी कहते ये माफ़ी के काबिल नहीं 

मा के  दिल, मा का दिल, मा का दिल, मा का दिल..

जंजीरों  में जकड पुलिस ले गई पकड़, 

मौत सामने खड़ी देख वो डर गया, 

इतना इतना बढ़ा जो वो सह न सका, 

पागल खाने में रो रो के वो मर गया, 

मा के भक्तो इससे कुछ कुछ s नहीं, 

ये समझ लो सबी मा ने आह जो भारी, 

लोक परलोक कहीं भी ठिकाना नहीं, 

अम्बे मा के भवन पीछे रखना कदम, 

पहले घर बैठे मा के चरण चुम लो, 

उसके लिए हमारे अच्छे चुने गए हैं। 

घर में भुखी है मा बहार लंगर लगा, 

ऐसा इन्सा कभी बख्शे जाते नहीं,

 मा को पेट  भर जा के दाता के डर,

 शेरोवाले का वो प्यार पाते नहीं, 

मा सा निर्दोष गुरु नहीं कोई, कोई दिल नहीं,

 मा का दिल, मा का दिल, मा का दिल, मा का दिल


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